रेटिंगः डेढ़ स्टार

निर्माताः एकता कपूर,शोभा कपूर व शैलेश आर सिंह

निर्देशकः प्रशांत सिंह

कलाकारः सिद्धार्थ मल्होत्रा,परिणीति चोपड़ा, अपारशक्ति खुराना, जावेद जाफरी, संजय मिश्रा

अवधिः दो घंटे 24 मिनट

बिहार में प्रचलित पकड़वा विवाह (इंजीनियर,डाक्टर जैसे उच्च शिक्षित व अच्छी नौकरी कर रहे अविवाहित लड़कों को पकड़कर बिना दहेज के उनकी जबरन शादी करायी जाती है. फिल्मकार प्रशांत सिंह रोमांटिक कौमेडी फिल्म ‘‘जबरिया जोड़ी’’ लेकर आए हैं, जो कि निराश ज्यादा करती है. न यह एक्षन फिल्म बन पायी, न हास्य और न ही प्रेम कहानी बन पायी.

कहानी
कहानी शुरू होती है, पटना से, जहां बचपन में बबली और अभय सिंह स्कूल के दोस्त हैं. अभय सिंह छिप छिपकर बबली के घर की छत पर मिलने आता रहता है. एक दिन बबली की मां अभय को अपनी बेटी बबली को किस करते देख लेती है. यह बात बबली के सीधे सादे अध्यापक पिता दुनियालाल (संजय मिश्रा) को पसंद नही आती. वह बबली को लेकर सह परिवार दूसरी जगह रहने ले जाते हैं. समय बीतता है. अब पटना का बाहुबली अभय सिंह (सिद्धार्थ मल्होत्रा) पकड़वा विवाह कराने में माहिर है. वह इस काम को अपने पिता हुकुम सिंह (जावेद जाफरी) के कहने पर करता है. वह काबिल और पढे लिखे दूल्हों का अपहरण कर उनकी शादी उन लड़कियों से करवाता है, जिनके परिवार वाले मोटा दहेज देने में असमर्थ हैं. इस काम को वह अपने गैंग के साथ मिलकर कामयाबी से अंजाम देता है.

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उसका मानना है कि दहेज के लोभियों का इस तरह से अपहरण करके और उनकी शादी करवा कर वह पुण्य का काम कर रहा है. उधर बबली (परिणीति चोपड़ा) बड़ी हो गयी है और राजू नामक एक लड़के साथ शादी कर कलकत्ता जाने के लिए रात में अपने दोस्त संतो (अपराशक्ति खुराना) के साथ घर से भागकर पटना स्टेशन पहुंचती है. जबकि संतो मन ही मन बबली से प्यार करता है. बबली रात भर स्टेशन पर बैठी रहती है, पर उसका प्रेमी राजू नहीं आता. तब गुस्से में एक टीवी समाचार चैनल की टीम के साथ उस ढाबे पर जाती है, जहां राजू बैठा होता है. बबली राजू की पिटाई करती है, पुलिस उसे पकड़कर ले जाती है. पर बबली के पिता दुनियालाल (संजय मिश्रा) उसे छुड़ा लाते हैं. लेकिन उसका यह सारा कारनामा
टीवी चैनलो पर आ जाता है.

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