90 की दशक में बेहतरीन अदाकारा के रूप में चर्चित अभिनेत्री काजोल (Kajol) से कोई अपरिचित नहीं. उन्होंने हमेशा अलग-अलग भूमिका निभाकर दर्शकों को चकित किया है. फिर चाहे वह बाज़ीगर जैसी रोमांटिक फिल्म हो या तानाजी जैसी पीरियोडिकल ड्रामा हर किरदार में सफल रही. इस सफलता का श्रेय अपनी मां को देती है, जिसने हर माहौल में उसका साथ दिया. आज वह 2 बच्चों की मां भी है, पर परिवार के साथ काम में सामंजस्य बिठाने को मुश्किल नहीं समझती. उसे फिल्में चाहे छोटी हो या बड़ी किसी को भी करने से नहीं कतराती.

शौर्ट फिल्म ‘देवी’ में उसने एक साधारण और विनम्र महिला की भूमिका निभाई है. इस फिल्म के स्क्रीनिंग पर उसने बताया कि महिलाओं को देवी कहकर उन्हें उपर का दर्जा तो दिया जाता है, पर रियल लाइफ में उन्हें वह सम्मान नहीं मिलता जिसकी वह हकदार है, इसके लिए हर एक महिला को हो अपनी आवाज बुलंद करने की जरुरत होती है और ये तब तक करते रहना चाहिए जब तक उसे सही न्याय नहीं मिलता.

 

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Hey You..... Happy happy birthday you sweet girl. Wish you the world?❤❤❤❤❤❤ #Devi @tanishaamukerji

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काजोल कहती है कि मुझे कई लोगों ने पूछा कि मैं ये फिल्म क्यों कर रही हूं. मुझे इसकी स्क्रिप्ट के अलावा जो सन्देश है वह मेरे लिए बहुत रुचिपूर्ण था. इसमें 9 अभिनेत्रियों ने साथ मिलकर काम किया और यही बात हमारी महिलाओं में होनी चाहिए. वे अगर साथ मिलकर किसी बात का विरोध करती है, तो उसका परिणाम सामने निकलकर आयेंगा, लेकिन यही महिला अगर एक दूसरे से झगडती है या एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करती है तो उन्हें उनका हक कभी नहीं मिल पायेगा.

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