गीतकार संगीतकार गुलज़ार की बेटी मेघना गुलज़ार अपनी पढाई पूरी करने के बाद पहले अपने पिता को एसिस्ट किया और बाद में पटकथा लेखन के क्षेत्र में उतरी. उसे नयी कहानियां कहना पसंद है और इसके लिए वह पूरी मेहनत करती है. फिल्म फिलहाल उसकी निर्देशित डेब्यू फिल्म थी. इसके बाद उसने जस्ट मैरिड, दस कहानियां, तलवार, राज़ी आदि कई फिल्मों का निर्देशन किया और कमोवेश सफल रही. वह हर कहानी को अपने तरीके से कहने की कोशिश करती है. वह अपने आप को महिला निर्देशक नहीं, केवल निर्देशक कहलाना पसंद करती है. यही वजह है कि उसने ‘छपाक’ जैसी फिल्म का निर्देशन किया और उसने इसे अलग ढंग से इसे फिल्माने की कोशिश की है. फिल्म के प्रमोशन पर उनसे बात करना रोचक था, पेश है कुछ अंश.

सवाल- दीपिका को इस तरह की भूमिका में लेने की खास वजह क्या रही?

दीपिका पादुकोण ने सिर्फ ग्लैमरस भूमिका ही नहीं निभाई है, उसने कई अलग तरह की फिल्में भी की है. उनका काम का दायरा बहुत बड़ा है. दीपिका को इस भूमिका में लेने की खास वजह दीपिका की शारीरिक बनावट लक्ष्मी अग्रवाल से मिलना है. आज से 10 साल पहले की दीपिका और लक्ष्मी की पिक्चर बहुत मेल खाती हुयी है. इसलिए उससे अलग किसी और को लेना मेरे लिए सम्भव नहीं था.

सवाल- दीपिका को उस भूमिका में ढालना कितना मुश्किल था?

प्रोस्थेटिक के प्रयोग के अलावा उस व्यक्ति की चाल चलन को अडॉप्ट करना कलाकार के पास होता है. मैं केवल उसे निर्देश दे सकती हूँ उसकी मानसिक अवस्था को महसूस कर उसी रूप में सामने लाना कलाकार की प्रतिभा और मेहनत होती है, जो दीपिका ने हूबहू किया है.

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