29 बांग्ला फिल्मों में अभिनय कर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार के साथसाथ गोल्डन पिकौक अवार्ड भी पा चुकीं अदाकारा पाओली दाम ने खुद को किसी सीमा में नहीं बांधा. वे 2012 में विक्रम भट्ट की असफल हिंदी फिल्म ‘हेट स्टोरी’ में काव्या कृष्णा के अतिबोल्ड किरदार में नजर आई थीं. तब माना जाने लगा था कि वे बौलीवुड में इसी तरह के जिस्म नुमाइश वाले किरदार निभाती नजर आएंगी. लेकिन उस के 1 साल साल बाद ही वे फिल्म ‘अंकुर अरोड़ा मर्डर केस’ में ऊपर से ले कर नीचे तक कपड़ों से ढकी काजोली सेन नामक वकील के किरदार में लोगों को चौंका गई.
इन दिनों पाओली एक तरफ इस साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कोंकणी भाषा की फिल्म ‘बागा बीच’ को ले कर चर्चा में हैं, जिस में उन्होंने सब्सटैंस औफ ओमन का जबरदस्त किरदार निभाया है, तो दूसरी तरफ सुभाष सहगल की फिल्म ‘सारा सिल्लीसिल्ली’ को ले कर चर्चा में हैं, जिस में उन्होंने बांग्ला के सुपरस्टार परमब्रता के साथ रोमांटिक किरदार निभाया है. इन दिनों वे मुंबई में एक बांग्ला फिल्म ‘आरोनी ताखोन’ को ले कर भी चर्चा में हैं, जिस में वे एक मुसलिम लड़की का किरदार निभा रही हैं.
पेश हैं, पाओली दाम से हुई गुफ्तगू के कुछ अहम अंश:
क्या वजह है कि हिंदी फिल्में कम करती हैं?
ऐसा कुछ नहीं है. पर यह तय है कि मैं बांग्ला फिल्मों को कभी अलविदा नहीं कह सकती. मुझे हिंदी या अन्य किसी भी भाषा की अच्छी फिल्म करने से परहेज नहीं है.
आप की हिंदी फिल्म ‘अंकुर अरोड़ा मर्डर केस’ बेहतरीन फिल्म है. पर बौक्स औफिस पर नहीं चली. इस से आप को बहुत तकलीफ हुई होगी?