अगर आप फिल्म उड़ता पंजाब पर सेंसर बोर्ड की आपत्तियों को खारिज करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले से खुश हैं तो एक फिल्म और है, जिसके लिए आपको फिर से दुआ करनी होगी. नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और श्वेता त्रिपाठी की फिल्म ‘हरामखोर’ पिछले साल अक्टूबर में 17वें जियो मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल के इंडिया गोल्ड सेक्शन में सिल्वर गेटवे अवॉर्ड(रनर अप) जीत चुकी है. फिल्म के डायरेक्टर श्लोक शर्मा की इस फिल्म के प्लॉट पर सेंसर बोर्ड को आपत्ति है.
इस फिल्म की कहानी एक छोटे शहर की 14 साल की लड़की और उसके ट्यूशन टीचर के बीच के अवैध संबंध के आस पास घूमती है. नवाजुद्दीन सिद्दकी इस ट्यूशन टीचर का किरदान निभा रहे हैं जबकि श्वेता त्रिपाठी 14 साल की लड़की के किरदार में हैं. श्वेता की यह पहली फिल्म है.
सेंसर बोर्ड का कहना है कि इस फिल्म का विषय बेहद ही आपत्तिजनक है. इस वजह से सेंसर बोर्ड ने एक सप्ताह पहले स्क्रीनिंग आयोजित करके फिल्म को पास करने से मना कर दिया है. फिल्म के प्रड्यूसर गुनीत मोंगा ने बताया कि सेंसर बोर्ड का कहना है कि उन्हें फिल्म की थीम आपत्तिजनक लगी, इसलिए वे सर्टिफिकेट जारी नहीं कर सकते.
मोंगा ने कहा, 'जब मैंने उनसे पूछा कि इसमें क्या आपत्तिजनक है? ये सारी चीजें होती हैं और फिल्म को मुंबई में शूट किया गया है. मैंने उन्हें बताया कि यह फिल्म विश्व भर में कई अवॉर्ड्स जीत चुकी है और लोग इससे जुड़ चुके हैं.'
गुनीत ने कहा कि हम फिल्म उड़ता पंजाब की तरह कानून की लड़ाई नहीं लड़ सकते क्योंकि यह एक बहुत छोटी फिल्म हैं. इस फिल्म को जनता की आर्थिक सहयोग से बनाया गया है इसलिए हमारे पास अदालत में जाने का विकल्प नहीं बचता. हमारे पास रिसोर्स नहीं हैं कि फिल्म के लिए कोर्ट में लड़ें.