रेटिंग: दो स्टार

निर्माता: वामसी कृष्णा रेड्डी, प्रमोद उपालापट्टी और टी-सीरीज के भूषण कुमार

निर्देशकः सुजीत

कलाकारः प्रभास, श्रद्धा कपूर, जैकी श्रौफ, नील नितिन मुकेश, चंकी पांडे, महेश मांजरेकर, मंदिरा बेदी व अन्य.

अवधिः दो घंटे 50 मिनट

कहानीः

फिल्म की कहानी के केंद्र में दो ऐसी कंपनियां है,जो कि लगातार अवैध व गैर कानूनी गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं. इनमें से एक दूसरे को खत्म कर खुद बादशाह बनना चाहती है.

कहानी भारत से थोड़ी दूर बसे वाजी शहर की है,जहां राय ग्रुप के रौय (जैकी श्राफ) का दबदबा है.हर तरह के गलत कामों मे वह लिप्त है.जबकि दूसरा ग्रुप देवराज (चंकी पांडे) के पिता (टीनू आनंद) . देवराज के पिता समय को भांपते हुए समझ जाते हैं कि पूरी सत्ता सिर्फ रौय ही संभाल सकते हैं. इसी के चलते वह अपने धंधे की बागडोर अपने बेटे देवराज को देने की वजह रौय को दे देते हैं. इस बात से देवराज नाराज हो जाता है.अब वह रौय को बर्बाद करना चाहता है. रौय का बेटा सिद्धांत उर्फ साहो(प्रभास)पिछले 20 वर्षों से मुंबई में है. इसी बीच रौय तय करते हैं कि वह वाजी शहर के सभी अवैध धंधे बंद कर भारत के मंुबई शहर जाकर एक नई फैक्टरी डालेंगे. इसके लिए वह भारत सरकार के एक मंत्री का अपहरण कर अपनी फैक्टरी के लिए इजाजत ले लेते हैं. जब सारा पैसा वाजी से लेकर रौय मुंबई पहुंचते हैं, तो बेटे साहो से मिलने से पहले ही रौय को देवराज खत्म कर देता है. उसके बाद रौय का विश्वासपात्र सिद्धांत को सलाह देता है. योजना बनती है कि किस तरह से देवराज को खत्म किया जाए.उसके बाद साहो अपने तरीके से 3 चोरियां करता है. पुलिस चोर को पकड़ नहीं पाती. तब यह काम एक स्पेशल इंवेस्टीगेशन अफसर अशोक चक्रवर्ती (प्रभास) को दिया जाता है.इधर पता चलता है कि पुलिस का एक उच्च अधिकारी देवराज से मिला हुआ है. जब वास्तव में चोर पकड़ा जाता है, तो पता चलता है कि जो चोर था,वह असली पुलिस अफसर है.

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