दीवाली पर रंगोली का अपना अलग ही महत्व है...सजे धजे लोग और सजे घर के मुख्य द्वार में रंगोली अपने भांति भांति के रंगों से चार चांद लगा देती है.रंगोली में प्रयोग किये गए विविध रंग सकारात्मकता और खुशियों के प्रतीक होते हैं. देश के विभिन्न प्रान्तों में इसे मांडना, ऐपन, रंगावली आदि नामों से भी जाना जाता है. रंगोली को रंगों के अतिरिक्त चावल, फूलों, रेत, गेरू और चूना आदि से भी बनाया जाता है. रंगोली को यदि आप पहली बार रंगोली बनाने जा रही हैं तो यहां पर प्रस्तुत हैं कुछ टिप्स जिन्हें ध्यान में रखकर आप बहुत आसानी से अपने घर के मुख्य द्वार को रंगोली से सजा सकेंगीं-
-सर्वप्रथम अपने मुख्य द्वार के आकार के अनुसार इंटरनेट अथवा रंगोली की पुस्तक से कोई डिजाइन तय कर लें.
-रंगोली बनाने के लिए प्लेन सर्फेस को चुनें यदि आपका फर्श उभार या दानेदार है तो आप रंगोली बनाने के लिए लकड़ी के प्लेन बोर्ड का प्रयोग करें.
-रंगोली सदैव दरवाजे के बीचोबीच में न बनाकर दरवाजे के साइड में बनाएं ताकि आपकी रंगोली कई दिनों तक बनी रहे.
-यदि आप पहली बार बना रही हैं तो बहुत बड़ी और कठिन डिजाइन बनाने की अपेक्षा सरल और छोटी डिजाइन बनाएं.
-आजकल बाजार में रंगोली बनाने के लिए छलनी, कलर स्प्रेडर ट्यूब जैसे विविध टूल्स उपलब्ध हैं आप चाहें तो इनका प्रयोग कर सकतीं हैं.
-यदि आपकी ड्राइंग कमजोर है तो फ्री हैंड रंगोली बनाने के स्थान पर चार्ट के द्वारा डॉट्स वाली रंगोली बनाने का प्रयास करें.
-रंगोली की डिजाइन को पहले चाक से फर्श पर बना लें और फिर उस पर मनचाहे रंग डालें.