योंतो महिलाएं हर तरह का वर्कआउट कर सकती हैं और करती भी हैं जैसे ऐरोबिक्स, बौडी बिल्डिंग, स्ट्रैंथ टे्रेनिंग, किकबौक्सिंग, जुंबा, टबाटा वर्कआउट आदि. लेकिन ये सभी वर्कआउट उम्र, बौडी टाइप, हैल्थ इशू, बौडी की नीड को ध्यान में रख कर ही और ऐक्सपर्ट की देखरेख में किए जाने चाहिए.
यहां हम कुछ ऐसे वर्कआउट्स के बारे में बता रहे हैं जो महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद हैं:
कार्डिओ वर्कआउट: कार्डिओ फायदेमंद है. यह वेट लौस करने में काफी मददगार है. इस से तनाव कम होता है. वर्कआउट से फेफड़ों तक औक्सीजन पहुंचने में मदद मिलती है, रक्तसंचार सही होता है, दिल मजबूत और ब्लड भी प्यूरिफाई होता है. कार्डियो वर्कआउट वजन को कम कर के बौडी में जमा अतिरिक्त फैट को कम करता है और बीमारियों से बचाता है. अलगअलग तरह के कार्डिओ वर्कआउट से आप खुद को फिट रख सकती हैं.
ऐरोबिक्स: ऐरोबिक्स आप कभी भी कहीं भी एक छोटी सी जगह पर कर सकते हैं. इस में अपनी पसंद के म्यूजिक पर कुछ स्टैप्स किए जाते हैं. ग्रेपवाइन लेग कर्ल जंपिंग जैक्स जैसे मूव्स से पूरे शरीर का वजन घटता है. पसीने के जरीए बौडी से टौक्सिन निकलना ही फैट और बीमारियों को दूर करता है. सिर्फ पसीना निकलना ही जरूरी नहीं, कड़ी मेहनत भी जरूरी है. ऐरोबिक्स वर्कआउट में आप के हार्ट रेट को लो से हाई ले जा कर एक स्तर पर मैंटैन किया जाता है, जो वेट लौस में मदद करता है.
स्ट्रैंथ वर्कआउट: महिलाओं के लिए स्ट्रेंथ वर्कआउट बहुत जरूरी भी है और ट्रैंड में भी. इस से महिलाओं में औस्टियोपोरेसिस की समस्या बहुत कम होती है. बोन डैंसिटी भी बढ़ती है. इस में बाइसैप कर्ल, ट्राइसैप ऐक्सटैंशन, हैमर कर्ल, शोल्डर प्रैस, पुशअप्स, ट्राइसैप डिप्स इत्यादि महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं.