आप शायद पहले से ही जानते होंगे कि बुरी आदतें आपको बीमार कर सकती हैं. रोज सुबह पनीर सॉसेज अंडे और हर रात पिज्जा खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ेगा, आपकी कमर की चौड़ाई बढ़ेगी और आपको हार्ट की बीमारी भी हो सकती है.
डॉ. प्रकृति पोद्दार, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, निदेशक पोद्दार वेलनेस के मुताबिक जिस तरह बुरी आदतें आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं, उसी तरह कुछ बुरी आदतें आपके मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं. ये आदतें आपके डिप्रेशन के खतरे को बढ़ा सकती हैं, या आपको ज्यादा चिंतित या तनावग्रस्त महसूस करा सकती हैं.
1- पर्फेक्सिनिज्म
किसी भी चीज़ को बेहतर तरीके से करने से आपकी सफलता की संभावना बढ़ सकती है, लेकिन हर समय सही होने की (परफेक्ट) ज़रूरत वास्तव में आपके प्रयासों को कमजोर कर सकती है.
साइकोलॉजिस्ट पर्फेक्सिनिज्म को सकारात्मक या नकारात्मक बताते हैं. सकारात्मक पर्फेक्सिनिज्म आपको अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद करता है- एक पर्फेक्सिनिस्ट के रूप में आप अपने काम में कोई गलती होने की गुंजाइश नहीं छोड़ते हैं. सकारात्मक पर्फेक्सिनिज्म की आदतों में वास्तविक लक्ष्य निर्धारित करना, असफलताओं को पीछे छोड़ना, गलतियों को सुधारना, चिंता और तनाव को कम करना और प्रक्रिया के साथ-साथ परिणाम का आनंद लेना शामिल होता है.
नकारात्मक पर्फेक्सिनिज्म की आदतों में आपकी पहुंच से बाहर स्टैंडर्ड स्थापित करना, परफेक्शन से कम होने पर किसी भी चीज़ से असंतोष होना, असफलता या अस्वीकृति के साथ व्यस्तता और गलतियों को अयोग्यता का प्रमाण मानना शामिल होता है.
2- असफलता की मानसिकता
हर किसी के मन में कभी न कभी नकारात्मक विचार आते हैं, और कभी-कभी असफलता की भावनाएँ आमतौर पर कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या पैदा नहीं करती हैं. हालांकि इन नकारात्मक विचारों को बढ़ावा देने से एक असफल मानसिकता पैदा हो सकती है, जो आपके सफल होने की क्षमता में बाधा डाल सकती है. नकारात्मक विचार से आपको लग सकता है कि आपका जीवन अंधकारमय, दयनीय है, और बिना किसी आशा या मतलब के न होने से आपको नींद नही आ सकती है, और आपको दिन के दौरान आगे कोई काम करने में बाधा डाल सकता है. अगर इसका कुछ समाधन न किया जाए तो ये असफलता के विचार आदत बन जाते हैं.