गर्भावस्था में आहार को ले कर एक पहलू ऐसी चीजों का है जो ऐसे नाजुक वक्त में नुकसान पहुंचा सकती हैं. इस के अलावा गर्भावस्था में डाक्टर द्वारा गर्भवती को बहुत सीमित दवाओं का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलती है क्योंकि कुछ दवाओं का कोख में बढ़ते हुए भ्रूण पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐंटीबायोटिक, ऐंटीपायरिटिक और पेन रिलीफ दवाओं का सेवन भी निर्धारित होता है. कुल मिला कर ऐसी परिस्थिति में यह जरूरी है कि गर्भवती महिला को किसी भी प्रकार का इन्फैक्शन न होने पाए.
इस के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन न करें:
सलाद व कटे फल
कई होटलों में सलाद और फल खाने के मेन्यू का हिस्सा होते हैं और आप अलग से भी सलाद और फलों का और्डर दे सकती हैं. लेकिन ये फल और सलाद कई घंटे पहले काटे जाते हैं और इन में कई प्रकार के कीटाणु होते हैं, जो आप को इन्फैक्शन का शिकार बना सकते हैं.
फलों या गन्ने का रस
फलों का रस बनाते वक्त साफ पानी का इस्तेमाल नहीं होता और न ही वे साफ बरतन में बनाए जाते हैं. अगर आप फलों के रस का सेवन करना चाहती हैं, तो उन्हें भली प्रकार साफ करें और रस घर में ही बनाएं. फलों के रस के मुकाबले साबूत फलों का सेवन करना ज्यादा अच्छा रहता है क्योंकि वे आप को ज्यादा पोषण तथा फाइबर प्रदान करते हैं और आप के ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देते.
अंडे
अंडों में सालमोनेला स्पिसीज के बैक्टीरिया/जीवाणु होते हैं, जो कई किस्म के इन्फैक्शन का कारण बन सकते हैं. गर्भावस्था में अंडों का सेवन कम या नहीं करना चाहिए क्योंकि इन्फैक्शन के साथ ही इन को पचाना आसान नहीं होता.अगर आप अंडे का सेवन करती हैं, तो उस को अच्छी तरह पका कर ही खाएं. आधा पका अंडा जैसे फ्रैंच टोस्ट या सिंगल फ्राई कभी भी न खाएं.