महत्त्वपूर्ण तथ्य

सरल शब्दों में समझें तो अगर दुनिया के विकसित देशों में 100 में से एक महिला को जिंदगी में सर्वाइकल कैंसर होता है तो भारत में 53 महिलाओं में से एक को यह बीमारी होती है यानी भारतीय दृष्टिकोण में करीब आधे का फर्क है.

अन्य कारण

  • छोटी उम्र में संभोग करना.
  • एक से ज्यादा पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाना.
  • ऐक्टिव और पैसिव स्मोकिंग.
  • लगातार गर्भनिरोधक दवाइयों का इस्तेमाल.
  • इम्यूनिटी कम होना.
  • बंद यूरेटर.

किडनी

  • भारतीय महिलाएं माहवारी से जुड़ी बातों पर आज भी खुल कर बात करने से बचती हैं. शायद इसलिए भारतीय महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर दूसरा सब से आम कैंसर बन कर उभर रहा है.
  • कैसे होता है सर्विक्स गर्भाशय का भाग है, जिस में सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) संक्रमण की वजह से होता है.
  • यह संक्रमण आमतौर पर यौन संबंधों के बाद होता है और इस बीमारी में असामान्य ढंग से कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं.
  • इस वजह से योनि में खून आना, बंद होना और संबंधों के बाद खून आने जैसी समस्याएं हो जाती हैं.

लक्षण

आमतौर पर शुरुआत में इस के लक्षण उभर कर सामने नहीं आते, लेकिन अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो इस के लक्षणों की पहचान की जा सकती है:

  • नियमित माहवारी के बीच रक्तस्राव होना, संभोग के बाद रक्तस्राव होना.
  • पानी जैसे बदबूदार पदार्थ का भारी डिस्चार्ज होना.
  • जब कैंसर के सैल्स फैलने लगते हैं तो पेट के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है.
  • संभोग के दौरान पैल्विक में दर्द महसूस होना.
  • असामान्य, भारी रक्तस्राव होना.
  • वजन कम होना, थकान महसूस होना और एनीमिया की समस्या होना भी लक्षण हो सकते हैं.

कंट्रोल करने की वैक्सीन व टैस्ट

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