मिडिल क्लास के घर खरीदने के सपने को सच करने में होम लोन ने बड़ी भूमिका अदा की है. लेकिन आज भी ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि होम लोन की सुविधा लेने में बहुत पेचीदगियां हैं. जबकि ऐसा है नहीं. यदि होम लोन के लिए आवेदन करने से पहले इस की कुछ बारीकियों को जांच लें, तो यह आप के लिए फायदे का सौदा साबित होगा.
कब बनाएं योजना
बजाज कैपिटल में फाइनैंस प्लानिंग और क्लाइंट सर्विसेज के ग्रुप हैड सुशील जैन का कहना है कि पिछले 10 सालों में लोगों के घर खरीदने के फैसले में बदलाव देखने को मिले हैं. इनकम टैक्स ऐक्ट में सैक्शन 24 के जुड़ने के बाद अब घर के खरीदार घर की खरीद के लिए उम्र से ज्यादा अपनी आय को प्राथमिकता देते हैं. सैक्शन 24 घर खरीदार को होम लोन पर आयकर में छूट पाने के योग्य बनाता है. ऐसे में युवा जितनी जल्दी प्रौपर्टी में निवेश करते हैं, उतनी ही जल्दी वे इस छूट के हकदार बन जाते हैं.
सुशील जैन के अनुसार, युवाओं को नौकरी मिलने के 3-4 सालों के भीतर घर खरीदने की योजना बना लेनी चाहिए, क्योंकि आजकल बिल्डर्स ऐसी योजनाएं ले कर आ रहे हैं जिन में घर की बुकिंग राशि मिडिल क्लास के वहन करने योग्य होती है. इस के साथसाथ युवाओं को आयकर में छूट के अलावा लोन की किस्तें चुकाने का अच्छा समय भी मिल जाता है.
होम लोन की योग्यता
इस बारे में सुशील बताते हैं, ‘‘कोई भी वेतनभोगी, प्राइवेट कर्मचारी या अपना व्यवसाय करने वाला होम लोन के लिए योग्य है. होम लोन का आवेदन करने के लिए इन तीनों श्रेणियों के लोगों के जरूरी डौक्यूमैंट्स में थोड़ा सा अंतर है. अपनी आय का ब्योरा दिखाने वाले डौक्यूमैंट्स में वेतनभोगियों और प्राइवेट कर्मचारियों को अपनी 3 महीने की सैलरी स्लिप, 6 माह की बैंक स्टेटमैंट और फार्म 16 भर कर देना होता है, तो व्यवसाय करने वालों को 2 साल के आयकर भुगतान का चार्टर्ड अकाउंटैंट का प्रमाणपत्र भी देना होता है.’’