निवेश के लिहाज से म्युचुअल फंड को एक अच्छा विकल्प माना जाता है. म्युचुअल फंड में निवेश करने की प्रक्रिया (एसआईपी के जरिए) भी काफी आसान होती है और इसमें निवेशक ठीक ठाक रिटर्न भी हासिल कर लेते हैं, जो कि बाजार में उपलब्ध अन्य निवेश विकल्पों के मुकाबले बेहतर होता है. साल 2017 म्युचुअल फंड के लिहाज से काफी बेहतर रहा था, ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि साल 2018 भी म्युचुअल फंड में निवेश के लिहाज से बेहतर हो सकता है.
वर्ष 2017 रहा MF के लिए बेहतर
वर्ष 2017 म्युचुअल फंड में निवेश के लिहाज से एक बेहतरीन साल रहा था, ऐसा इसलिए क्योंकि नोटबंदी के बाद, बैंकों के पास काफी ज्यादा मात्रा में नकदी पहुंच गई थी और फिक्स्ड डिपौजिट पर ब्याज दरों में बैंकों की ओर से कटौती की गई. इस वजह से लोगों ने म्युचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर दिया, क्योंकि उन्हें यहां ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद थी.
LTCG के बावजूद म्युचुअल फंड देते हैं बेहतर रिटर्न
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2018 के आम बजट भाषण में कहा था कि सरकार इक्विटी म्युचुअल फंड और ईएलएसएस (टैक्स की बचत करने वाला म्युचुअल फंड) समेत इक्विटी उन्मुख फंडों पर फिर से एलटीसीजी (LTCG) कर लगाने जा रही है. इस घोषणा के बाद काफी सारे निवेशकों ने इस निवेश विकल्प से भी मुंह मोड़ा लेकिन इस टैक्स के बावजूद म्युचुअल फंड बाजार में उपलब्ध तमाम विकल्पों से बेहतर रिटर्न देने में सक्षम है. आपको बता दें कि लौन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स उस सूरत में लागू होता है जब आप म्युचुअल फंड में अपने निवेश को एक साल से अधिक अवधि तक के लिए बनाए रखते हैं.