आप ने क्रैडिट कार्ड ले रखा है? ठीक है, लेकिन उस समय जब समधीजी के साथ रेस्तरां गए और कार्ड ने जवाब दे दिया, तो बेइज्जती हो गई न. क्रैडिट कार्ड कब मुंह मोड़ ले पता नहीं. आप ने समय पर भुगतान नहीं किया, पिन नंबर भूल गए, बिल ज्यादा बड़ा था, कार्ड ऐक्सपायर कर गया और आप ने ध्यान नहीं दिया वगैरह. ऐसा कुछ भी हो तो बड़ी बेइज्जती होती है.
मगर चिंता न करें. बराक ओबामा, अमेरिका के राष्ट्रपति, दुनिया के नंबर 1 शक्तिशाली व्यक्ति को भी यह सहना पड़ता है. साहब न्यूयार्क के एक रेस्तरां में पत्नी मिशेल के साथ गए पर जब क्रैडिट कार्ड से भुगतान करना चाहा तो कार्ड अकड़ गया. कहा पैसे नहीं देगा. रेस्तरां बेचारा भौचक्का. पता चला ओबामा साहब उस कार्ड को इस्तेमाल कम करते हैं इसलिए
चल नहीं रहा. जब पत्नी मिशेल ओबामा ने अपना कार्ड दिया तो बात आगे बनी.
वैसे आश्चर्य यह है कि अमेरिका में रेस्तरां ने बिल पेश करने की हिम्मत दिखाई. यहां तो नेता 50 का टोल टैक्स देने में आनाकानी करते हैं. आम रेस्तराओं का तो छोडि़ए, होटलों तक का किराया नहीं देते. वे अपनेआप को खास समझते हैं, देश का मालिक समझते हैं, चाहे पार्टी के महल्ला समिति के कनिष्ठ सचिव मात्र हों.
क्रैडिट कार्ड को असल में सुविधाजनक करैंसी नोट से ज्यादा समझना ही नहीं चाहिए और जेब में हमेशा 2 दिन लायक का कैश अवश्य होना चाहिए. क्रैडिट कार्ड वाले चाहे जितना हल्ला मचा लें, कैश बैक सुविधाएं दे दें, लौयल्टी पौइंट दे दें, अंतत: उन्हें ज्यादा खर्चना ही पड़ता है. कैश का अपना अलग लाभ है. क्रैडिट कार्ड को बेचना, उस से दुकानदार से पैसा वसूलना, पूरा तामझाम रखना, स्टेटमैंट भेजना सब खर्चीला है, जो इस्तेमाल करने वाला देता है. इसे कम से कम इस्तेमाल करें.