देश के मौजूदा कानून ने एक आम भारतीय को कई अधिकार दे रखे हैं, जिन से बहुत से लोग अनजान हैं. आइए जानते हैं, कुछ अहम वित्तीय अधिकारों को :

इंश्योरैंस पौलिसी वापस करने का अधिकार

अगर आप ने कोई बीमा पौलिसी खरीदी है और लेते ही आप के मन में पछतावा हो कि आप का यह निर्णय गलत हो गया तो आप पौलिसी डौक्यूमैंट मिलने के 15 दिनों के भीतर उसे वापस लौटा सकते हैं. सोचनेसमझने की यह समयावधि 3 साल या अधिक समय के लिए की गई सभी जीवन बीमा पौलिसियों व स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के लिए वैध है.

पौलिसी वापस करने के लिए आप को एक आवेदनपत्र लिखना पड़ेगा. ज्यादातर बीमा कंपनियों ने इस के लिए फौर्म डाउनलोड कर रखे हैं जिन्हें आप अपनी वैबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. इसे आप को खुद कंपनी में जमा करवाना चाहिए, क्योंकि एजेंट अपने कमीशन के चक्कर में आप को धोखा दे सकता है और जानबूझ कर 15 दिनों का समय बिता सकता है.

ऋणदाता द्वारा दुर्व्यवहार से सुरक्षा

आप ने किसी भी वित्तीय संस्था, (बैंक/फाइनैंस कंपनी) निजी कंपनी या फिर व्यक्ति से ऋण लिया है और किसी कारणवश उसे लौटा नहीं पा रहे हैं तो भी ऋणदाता या उन के रिकवरी एजेंट आप के साथ बदतमीजी से पेश नहीं आ सकते हैं. सब से पहले ऋणदाता आप को 60 दिनों का समय देते हुए एक नोटिस देगा. इस बीच आप ऋणदाता के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं.

ऋणदाता इस समयावधि में आप के साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकता और उसे आप ने मिलने या कौल करने के लिए सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे का ही समय चुनना होगा. आधी रात में फोन करना या धमकाना कानूनन जुर्म है. आप इस के लिए अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं या फिर पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी लिखवा सकते हैं.

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