कई बार छात्र अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते और वे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, क्योंकि वे इसके लिए फीस नहीं दे पाते. ऐसे छात्रों की मदद करता है एजुकेशन लोन. लेकिन इस लोन को लेने की जटिल प्रक्रिया की वजह से कई छात्र इसके लिए अप्लाई करने से झिझकते हैं.
बहरहाल हाल ही में सरकार ने इसके लिए दो योजनाएं, क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम फौर एजुकेशन लोन (CGFSEL) और विद्या लक्ष्मी स्कीम, लौन्च की हैं. जहां एक तरफ पहली स्कीम से बैंकों के एजुकेशन लोन के तहत डूब रही कर्ज की रकम की चिंता कम होगी, वहीं दूसरी स्कीम से हायर एजुकेशन के लिए स्टूडेंट्स को आसानी से लोन मुहैया होगा.
क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम फौर एजुकेशन लोन
इसको लौन्च करने का मकसद ही बैंकों को कर्ज वापस देने का आश्वासन देना है. 3000 करोड़ रुपये वाला यह फंड सहायक या किसी थर्ड पार्टी की गारंटी के बगैर ही अधिकतम 7.5 लाख का लोन देगा. इस लोन पर बेस रेट के आधार पर सालाना 2 प्रतिशत तक का ब्याज लिया जाएगा. इसके अलावा बैंकों को हर स्टूडेंट को दिए गए लोन का 1 प्रतिशत भाग इस फंड में देना होगा.
लोन चुकाने के लिए मिलेगा 15-18 महीने का समय
अभी स्टूडेंट्स को लोन चुकाने के लिए कोर्स पूरा करने के बाद एक साल का समय या फिर जौब मिलने के 6 बाद महीने बाद तक का समय दिया जाता है. लेकिन इस योजना के तहत स्टूडेंट्स को लोन चुकाना शुरू करने के लिए कोर्स के बाद 15 से 18 महीने तक का समय होगा.