डिजिटल फुटप्रिंट्स क्या हैं? जब भी ग्राहक इंटरनेट पर पैसों से संबंधित लेनेदेन करते हैं अर्थात ऑनलाइन किसी भी तरह का पेमेंट करना हो या कुछ खरीदारी करनी हो. इनके रिकॉर्ड और निगरानी को ही डिजिटल फुटप्रिंट्स कहते हैं.

फुटप्रिंट्स किसी व्यक्ति को उधार लेने में कैसे मदद करेंगे?

एक समय था जब बैंक के कर्मचारी खुद जाकर ग्राहक से मिलते थे और उनकी उधार लेने की क्षमता का पता करते थे. अब जबकि अधिकतर लोग सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सक्रिय हैं तो बैंक भी इसी की मदद से ग्राहक की साख क्षमता की जांच करते हैं.

कौन से वित्तीय संस्थान लोन देने के लिए इनका प्रयोग करते हैं?

अधिकतर गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं जो तेजी से लोन देने के काम में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती हैं. वह इनका प्रयोग करती हैं. इनका प्रयोग करके कंपनियां ग्राहकों की साख क्षमता जानने में मदद लेती हैं, जिससे किसी को लोन देने का निर्णय लेने में आसानी रहती है.

बैंक अपने ग्राहकों के डेटा लेने के विभिन्न सोर्सेज क्यों खोज रहे हैं.

भारत विश्व की सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या वाला देश है. बैंक और वित्तीय कंपनियां इनमें एक बड़ी मौका तलाश रही हैं. चूंकि ये कंपनियां नई हैं, इसलिए इनके पास ग्राहकों की कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती है. इसलिए इन्हें लोन देने के लिए बैंक फुटप्रिंट्स का प्रयोग करते हैं.

किसी के डिजिटल फुटप्रिंट्स अच्छे हैं तो क्या उसे कम दर पर लोन मिलेगा?

उधार देने वाले संस्थानों ने अभी भी रिस्क आधारित प्राइसिंग नहीं अपनाई है. इस कारण अच्छे फुटप्रिंट्स वाले ग्राहकों को भी इसका लाभ नहीं मिल पाता है.

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