बैडरूम वह जगह है जहां हम दिन भर की थकान मिटाते हैं. लेकिन नर्म मुलायम बिस्तर, मखमली परदे, मध्यम रोशनी के साथसाथ बैडरूम की मनपसंद साजसज्जा और फर्नीचर होने के बावजूद नींद न आए तो समझिए घर की भीतरी हवा शुद्ध नहीं है.
नासा इंस्टिट्यूट औफ अमेरिका ने एक शोध में पाया कि जो लोग दिन भर व्यस्त रहते हैं उन्हें तनावमुक्त होने और आरामदायक नींद के लिए दूसरों से कहीं अधिक शुद्ध और साफ हवा की जरूरत होती है. इसलिए सलाह दी जाती है कि कुछ ऐसे पौधे घर के भीतर रखे जाएं, जो बाथरूम से निकलने वाली अमोनिया गैस, कूड़ेकरकट से फौर्मैल्डहाइड गैस, डिटर्जैंट से बैंजीन, फर्नीचर से ट्राईक्लोरोइथिलीन, गैस स्टोव से कार्बन मोनोऔक्साइड और लौंडरी आदि के कपड़ों से निकलने वाली गंध के प्रभाव को निष्क्रिय कर सकें. कुछ विशेष पौधे लगाने से व एअर प्यूरीफायर का काम करते हैं.
यह पढ़ते हुए मन में जरूर यह बात आ रही होगी कि पौधे तो रात में कार्बन डाईऔक्साइड गैस छोड़ते हैं. हमें तो औक्सीजन चाहिए. जी हां, आप के मन में उठी यह शंका निर्मूल नहीं है, क्योंकि जब पौधों में फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया होती है, तो ऐसे में वे कार्बन डाईऔक्साइड गैस खींचते हुए औक्सीजन छोड़ते हैं और यह प्रक्रिया रोशनी में होती है. लेकिन रात के अंधेरे में पौधों की यह प्रक्रिया ठीक इस के विपरीत होती है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ ऐसे पौधे हैं, जो रात्रि में भी, देर शाम तक औक्सीजन देते रहते हैं. ये पौधे हमें विषैली गैसों से छुटकारा दिलवाने में प्रभावी होते हैं.