कहते हैं प्यार किसी को किसी भी उम्र में हो सकता है. दिल ही तो है, कब किस पर आ जाए. किस्सेकहानियां कितनी पढ़ी हैं कि फलां को फलां से प्यार हो गया और इस के बाद ये हुआ, वो हुआ वगैरहवगैरह.
प्यार चीज ही ऐसी है. इंसान क्या, जानवर तक प्यार को पहचान जाते हैं. प्यार की अनुभूति से 60 साल का बूढ़ा दिल किशोरों के समान कुलांचें मारने लगता है. ऐसे में आप क्या कहेंगे यदि यही प्यार किशोरावस्था की पहली सीढ़ी पर कदम रखने वाले 14-15 साल के लड़केलड़की के बीच हो जाए तो?
तौबातौबा, उस लड़केलड़की के घर में तूफान आ जाता है जब उन के प्यार की भनक घर वालों को लग जाती है. बहुत ही कम सुनने में आता है कि 13-14 साल का प्यार परवान चढ़ता हुआ जवानी तक पहुंच गया हो और विवाह बंधन के सूत्र में उन के प्यार को घर व समाज वालों की स्वीकृति मिल जाए. क्या सोचा है कभी आप ने कि क्यों टीनएज लव सफल नहीं हो पाता. स्कूल के दिनों में हुआ यह प्यार किताबों के पन्नों में सिमट कर रह जाता है. परिपक्व प्यार या रिलेशनशिप में आने वाले विवादों को कपल्स सुल झाने की कोशिश करते हैं लेकिन अगर टीनएज में ऐसा कुछ होता है तो कपल्स एकदूसरे से किनारा करने के तरीके ढूंढ़ने शुरू कर देते हैं. ज्यादातर टीनएज लव असफल हो जाता है.
यह सही है कि शुरुआत में टीनएज लव चरम पर होता है. न जमाने की परवा, न समाज की बंदिशों का डर. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो इस से बच पाया हो. हर इंसान के अपने स्कूलटाइम में कोई न कोई क्रश रहा होगा. जिन में हिम्मत होती है वे अपने क्रश को प्यार में बदल लेते हैं और कुछ अपनी हसरत दिल में दबाए बैठे रहते हैं.