यह मानवीय प्रवत्ति है कि कोई भी स्त्री अपने बॉयफ्रेंड के साथ किसी दूसरी महिला को बर्दाश्त नहीं कर सकती है. लेकिन रिश्तों में खिचाव शायद इसी वजह से आने लगते हैं. जरूरी नहीं कि आपका बॉयफ्रेंड या जीवनसाथी वो सारी बातें आपसे शेयर करे जो एक्सपेक्ट करते हैं. वह अपने लाइफ में भी किसी दोस्त को बनाना चाहता है जिससे वह अपनी सारी बातें शेयर कर सके और समझ सके. लेकिन यहां ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि वह आपसे दूरी बना रहा है या आपसे ऊब गया है. बस कुछ क्षण अपने लिए बिताना चाहता है. एक रिसर्च के मुताबिक 70% रिश्तों को ऐसी सिचुएशन का सामना करना पड़ता है. जब पुरुष के पास 30% की तुलना में महिला ही अच्छी दोस्त बनती है किसी पुरूष के बजाए.
फिलहाल, यहां सवाल है कि अगर आपका बॉयफ्रेंड किसी अन्य महिला का सबसे अच्छा दोस्त है तो उस स्थिति में आप क्या करेंगी?
अपोजिट जेंडर पर महिलाओं को संदेह -
सर्वे कहता है कि किसी पुरूष का अपने अपोजिट जेंडर से संबंध हैं या वह उसके घनिष्ट है तो लगभग 60% मामलों में ऐसे रिश्ते समाप्त हो जाते हैं. इसका कारण भी है क्योंकि महिला हो या पुरूष दोनो ही अपोजिट जेंडर को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. शोध में सामने आया है कि ऐसी स्थिति में 20% रिश्ते बर्बाद हो जाते हैं.रिश्तों में दरार इस हद तक पड़ जाती है कि इसे फिर से जोड़ा नहीं जा सकता है. 10% जोड़े ऐसे होते हैं जो ऐसा जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं और आपसी तालमेल बनाकर चलते हैं.