यों तो हमारा समाज पुरुषप्रधान समाज है और यही समझा जाता है कि पति ही पत्नियों को प्रताडि़त करते हैं, लेकिन ऐसी पत्नियों की संख्या भी कम नहीं है जिन्होंने पतियों की नाक में दम कर रखा होता है.
पत्नियां किसकिस तरह पतियों को प्रताडि़त करती हैं और उन्हें पतियों से क्याक्या शिकायतें होती हैं:
कई पत्नियों को तो पतियों से इतनी शिकायतें होती हैं कि अगर उन्हें रूप में कामदेव, मर्यादा में राम और प्रेम में कृष्ण भी मिल जाए तो भी जरा सा भी मौका मिलते ही सखियों से, पड़ोसियों से पतिपुराण शुरू हो जाएगा.
उच्चशिक्षित व उच्च पद पर आसीन पत्नियां तो नजरों व हावभाव से भी पतियों का अपमान कर देती हैं. मसलन, उन के अंगरेजी के उच्चारण, रहनसहन, पहननेओढ़ने के तरीकों व पसंद का सब के सामने मजाक उड़ा देती हैं और पति बेचारा अपमान का घूंट पी कर रह जाता है और अंदर ही अंदर अपना आत्मविश्वास खोने लगता है. बाहरी तौर पर कुछ दिखाई न देने पर भी पति के लिए ये सब बहुत कष्टदायक होता है.
मानसिक प्रताड़ना
सोनाली उच्च शिक्षित है और उस का पति नीरज भी बहुत अच्छी नौकरी पर है. पर सीधेसाधे नीरज के व्यक्तित्व से यह सब नहीं झलकता. वह बात करने में भी बहुत सीधा है. उस के कुछ भी गड़गड़ बोलने या गड़बड़ हरकत करने पर सोनाली सब के सामने नाटकीय अंदाज में व्यंग्य से कह देती है कि भई माफ करना मेरे पति को, उन की तो यह आदत है. आदत से मजबूर हैं बेचारे. सुनने वाले कभी उसे तो कभी उस के पति को देखते रह जाते.