आज की जीवनशैली में घर और औफिस की बढ़ती जिम्मेदारियों को निभाना यों तो आसान लगता है किंतु वास्तव में आसान है नहीं. स्वस्थ मानसिकता के अभाव में इस रिश्ते को निभाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आइए, उन बातों का अध्ययन करें जो कमजोर पड़ते रिश्तों को और अधिक कमजोर बनाती हैं.

विवाह के बाद के पहले 5 वर्ष पति पत्नी के लिए पहले 5 वर्ष बहुत अहमियत रखते हैं. शुरू के 5 वर्षों में जो गलतियां करते हैं वे हैं:

- खुद को बदलने की जगह पार्टनर से बदलने की चाह रखना.

- लाइफपार्टनर से जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं रखना.

- छोटीछोटी बातों को मुद्दा बना कर लड़ाईझगड़ा करना. न खुद चैन से रहना, न दूसरे को चैन से रहने देना.

- एकदूसरे के दोषों को ढूंढ़ढूंढ़ कर आलोचना और ताने मारने की प्रवृत्ति रखना.

इन कारणों से पतिपत्नी में दूरी बढ़ती जाती है और वक्त रहते अगर सूझबूझ से अपनी समस्याओं का समाधान पतिपत्नी नहीं कर पाते हैं तो अलगाव होना और फिर तलाक की संभावना बढ़ जाती है. अत: दोनों को इस बात का आभास होना चाहिए कि रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं. इन्हें अथक प्रयास द्वारा, स्वस्थ मानसिकता के साथ संभालना बहुत जरूरी होता है.

गलतियों को मानें

सब से विचित्र बात यह है कि पतिपत्नी अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं कर पाते जबकि जीवन से संबंधित ये गलतियां जीवन को अधिक सीमा तक प्रभावित करती हैं. इन्हें छोटी गलतियां मानना ही मूलरूप से गलत है. रिश्ते को हर हाल में टूटने से बचाने की जिम्मेदारी पति और पत्नी दोनों की होती है. मुश्किलें पतिपत्नी की हैं, तो समाधान भी उन के द्वारा ही ढूंढ़ा जाना चाहिए.

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