आज का युवा हर काम में शौर्टकट तलाशता है. यहां तक कि प्रेम और सैक्स के लिए भी वह रिश्ते में ठहराव तलाशने के बजाय डेटिंग ऐप्स के जरिए फटाफट ऐसा साथी ढूंढ़ता है जो बिना समय गंवाए पहली ही डेट पर उस के सारे अरमान पूरे कर दे. लेकिन जब उस की यह ख्वाहिश पूरी नहीं होती तो उसे अकेलापन व तनाव घेर लेता है. एक सच्चा दोस्त और प्यार किसी डेटिंग ऐप्स में इतनी आसानी से मिल जाए, यह जरूरी नहीं. हालांकि, कई बार अजनबी भी हमारे अपनों से ज्यादा मददगार साबित होते हैं. फेसबुक ने भी हाल ही में ऐलान किया है कि वह जल्द ही अपनी डेटिंग सर्विस शुरू करेगा. आज युवा इन ऐप्स के जरिए प्यार और सैक्स की चाहत पूरी करना चाहते हैं. लेकिन प्यार की तलाश आसान नहीं है. आजकल कई तरह की मोबाइल एप्लीकेशंस आ गई हैं जो इस में मदद करने का दावा करती हैं. इन डेटिंग ऐप्स की मदद से आप को कई अच्छे विकल्प मिल जाते हैं, लेकिन कई बार ऐसे लोग भी मिलते हैं जिन के साथ अनुभव अच्छा नहीं रहता. इन ऐप्स के इस्तेमाल में कई बार हिचक भी होती है क्योंकि इन के जरिए मिलने वाले लोग अनजान होते हैं.
औक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने करीब 24 हजार महिलापुरुषों पर अध्ययन के दौरान पाया कि इंटरनैट का इस्तेमाल करने वाली हर तीसरी युवती ने खुद को डेटिंग ऐप्स में रजिस्टर्ड कर रखा है. औनलाइन डेटिंग ऐप्स को ले कर आमतौर पर यही धारणा है कि यहां आ कर राइट और लैफ्ट स्वाइप कीजिए और आप को कोई हैंडसम सा माचोमैन कैजुअल या सीरियस रिलेशनशिप के लिए मिल जाएगा. यह धारणा इसलिए भी है क्योंकि इस तरह के ऐप्स के विज्ञापन भी सिंगल से मिंगल होने और अजनबी के साथ सेफ सैक्स डेट के दावे करते हैं. इतना भी आसान नहीं