डिनर करते हुए न्यूज देख कर कपिल का चेहरा अचानक गुस्से से लाल हो गया. सीमा ने एक नजर कपिल के चेहरे पर डाली और फिर पूछा, ‘‘क्या हुआ? टैंशन में लग रहे हो?’’
‘‘बात ही टैंशन की है. सरकार कितने भी अच्छे काम कर ले, विपक्ष का तो काम ही है निंदा करना. ये जो नोटबंदी को बुरा कह रहे हैं न, ये सब ही भ्रष्टाचार की जड़ हैं.’’
सीमा ने व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा, ‘‘अच्छा, कैसे? मुझे समझाओगे? क्या फायदा हो गया नोटबंदी का? महंगाई का हाल पता है न? हमारा दूधसब्जी में बजट बिगड़ जाता है, गरीबों की तो बात ही छोड़ दो, पता नहीं बेचारे क्या खाते होंगे. इस सरकार ने तो...’’
कपिल ने हाथ का निवाला प्लेट में ही पटक दिया, ‘‘क्यों कुछ भी कहे जा रही हो? तुम्हें राजनीति की कुछ समझ ही नहीं है. 60 सालों से फैली गंदगी को साफ करने में समय लगेगा ही न? तुम भी मूर्खों की तरह सरकार की बेवजह बुराई किए जा रही हो.’’
सीमा को तेज गुस्सा आ गया था. उस ने खाना वहीं छोड़ दिया. अपनी प्लेट उठा कर किचन में ले जा कर पटकी.
कपिल भी भुनभुनाता हुआ पैर पटकते हुए घर के बाहर चला गया. यह दृश्य उन के घर आम था. दोनों में राजनीतिक मुद्दों पर बहुत मतभेद थे.
घर में कलह
रोहित और शिखा का वैवाहिक जीवन सुखी व संतोषपूर्ण है. दोनों का एक 4 वर्षीय बेटा भी है. अर्जुन रामपाल और उस की पत्नी ने जब अपने रिश्ते के खत्म होने का ऐलान किया, तो शिखा के मुंह से निकला, ‘‘पुरुष होते ही ऐसे हैं.’’