पिछले कुछ महीनों में एक खास ट्रेंड देखने में आ रहा है कि स्मार्टफोन चोरी होने के 24 घंटे के अंदर चोर नेट बैंकिंग के जरिये फोन मालिक के एकाउंट से पैसे निकालने की कोशिश करते हैं. दो महीने पहले अप्रैल 2021 में जी.एस. राजशेखरन  नाम के एक सज्जन का स्मार्टफोन चेन्नई रेलवे स्टेशन में चोरी हो गया. वह बंग्लुरु जा रहे थे, सोचा बंग्लुरु जाकर सिम बंद करा दूंगा. लेकिन दो दिन बाद बंग्लुरु जाकर जब वह एटीएम से कुछ पैसे निकालने के लिए गये तो पता चला कि उनके एकाउंट में निल बैलेंस है. बैंक में जाकर डिटेल मालूम की तो पता चला कि फोन गुम होने के 24 घंटे के भीतर ही उनके एकाउंट से 78,000.00 रुपये निकल गये थे.

यह एक अकेला किस्सा नहीं है. पिछले ही दिनों दिल्ली में भी यह ट्रेंड देखने को मिला है. प्रमोद परिहार नाम के एक व्यक्ति का मेट्रो में मोबाइल चोरी होता है और 24 घंटे के पहले ही बैंक से करीब 32,000.00 रुपये निकल जाते हैं. लखनऊ, इंदौर और लुधियाना में भी हाल के महीनों ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं. इसीलिए दिल्ली पुलिस ने आम लोगों को एक सार्वजनिक हिदायत दी है कि अगर आपका स्मार्टफोन चोरी जो जाए तो उसकी सिम बंद कराने के पहले अपने नेटबैंकिंग को बंद कराएं, अगर उस फोन से बैंक एकाउंट जुड़ा हुआ है.

दरअसल जब से आधार, बैंक एकाउंट के साथ जुड़ गया है और एकाउंट डिटेल भूलने पर बैंकिंग सुविधा देने वाले कई एप मोबाइल फोन के कुछ नंबर लिखकर उस पर वेरीफिकेशन ओटीपी भेजते हैं ताकि आप अपना भूला हुआ पासवर्ड फिर से हासिल कर लें,तब से इस तरह के फ्राड काफी ज्यादा होने लगे हैं. स्मार्टफोन में दिक्कत यह है कि आपके तमाम डाटा होते तो इनक्रिप्टेड हैं (यानी इन्हें कोई पढ़ नहीं सकता ) लेकिन जुगाड़ में माहिर अपराधी किसी न किसी तरीके से इस इनक्रिप्टेड डाटा को पठनीय भाषा में तब्दील कर लेते हैं और ऐसा होने के बाद समझिये आपके बैंक एकाउंट की खैर नहीं. अगर आपने 24 से 48 घंटे में अपने बैंक को अपने साथ हुए इस फ्रॉड की सूचना देते हैं, तब तो संभव है कि आपकी खोई हुई रकम की बैंक भरपाई कर दे , वरना बैंकों के पास भी कई बहाने हैं,जिससे  आप अपनी खोई रकम वापस नहीं पाते.

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