गरमी की हों या सर्दी की, केरल भारत के बेस्ट पर्यटन स्थलों में से एक है. कतार में उगे नारियल के पेड़, बैकवाटर और नेचुरल खूबसूरती से सराबोर केरल की हरीभरी भूमि को रोमांटिक पर्यटन स्थल का दर्जा देता है. परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के लिए केरल सब से अच्छा औप्शन है. यदि आप नेचर लवर हैं तो केरल में आप को नेचुरल खूबसूरती के साथ नेचर से जुड़े रोचक बातें जानने व देखने को मिल जाएंगे.
टीक म्यूजियम
केरल में घूमने की जगहों में पौपुलर है निलांबुर का टीक म्यूजियम. इस म्यूजियम में 80 से 100 फुट लंबे सागौन के पेड़ों से जुडी विस्तृत जानकारी और उस के ऐतिहासिक तथ्य मौजूद हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस म्यूजियम को दुनियाभर में एक अलग तरह का म्यूजियम होने का दर्जा मिला है. केरल वन अनुसंधान संस्थान परिवार में 1995 में निर्मित यह म्यूजियम 2 मंजिली इमारत में है.
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निलांबुर में इस तरह का म्यूजियम होने की कुछ ऐतिहासिक वजहें भी हैं. दरअसल, निलांबुर वह जगह है जहां दुनियाभर में सबसे पहले सागौन के पेड़ लगाए गए थे. 1840 में ब्रिटिश शासनकाल में निलांबुर में सागौन के पेड़ों का रोपण कर उसकी लकड़ी को इंग्लैंड भेजा जाता था.
ऐसी ही कुछ और रोचक जानकारियों से भरा यह म्यूजियम सालभर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
रोचक जानकारियों से भरा म्यूजियम सालभर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित
म्यूजियम की रोचकता उसके एंट्री गेट से ही पता चल जाती है जहां 55 साल पुराने सागौन के पेड़ की जटिल जड़ प्रणाली के शानदार दृश्य मौजूद है. म्यूजियम के निचले तल में संरक्षित कन्नीमारा सागौन की ट्रांसलाइट, जो कि परम्बिकुलम वाइल्ड लाइफ सैंचुरी में पाया गया सबसे पुराना सागौन का पेड़ है, इसके साथ ही, यहां 160 साल पुराना कोन्नोल्ली के प्लांट से लाया गया बहुत बड़ा सागौन वृक्ष भी है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है.