उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों की बजाए इस बार छुट्टियों में नौर्थ ईस्ट का रूख करें. भूटान और तिब्बत के बौर्डर के बेहद नजदीक है अरुणाचल प्रदेश का शहर तवांग जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, बौद्ध धर्म की धरोहर और सभ्यता संस्कृति के लिए जाना जाता है. यहां ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और नदी घाटी भी है. यहां के आकर्षण का केंद्र है 17वीं शताब्दी में बनी तवांग मोनेस्ट्री जो दुनिया की सबसे बड़ी मोनैस्ट्रिज में से एक मानी जाती है.
बीर-बिलिंग
अडवेंचर स्पोर्ट्स खासकर पैराग्लाइडिंग के शौकीन हैं तो हिमाचल प्रदेश के बीर और बिलिंग जाएं जो दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर और धर्मशाला से महज 80 किलोमीटर दूर है. यहां जाने का बेस्ट महीना मार्च से मई के बीच ही है. बर्फ से ढकी हिमालय की पहाड़ियां और नीचे चाय के बागान के ऊपर से पैराग्लाइडिंग के करते हुए पूरे इलाके का दृश्य बेहद खूबसूरत दिखता है. अगर आप पैराग्लाइडिंग सीखने में दिलचस्पी रखते हैं, तो यहां एक सप्ताह का बिगनर्स कोर्स भी होता है. पैराग्लाइडिंग के अलावा आप यहां मोनैस्ट्रिज और मेडिटेशन सेंटर्स की भी सैर कर सकती हैं.
कुन्नूर
नीलगिरी पहाड़ियों की खूबसूरत वादियों के बीच बसा है, कुन्नूर जहां पहुंचकर पर्यटक चाय के बागान से चाय की पत्तियां तोड़ सकती हैं. संतरे के बगीचे से संतरा चुन सकती हैं, घुड़सवारी कर सकते हैं और फिर प्राकृतिक सुंदरता के बीच बने हेरिटेज कौटेज में बैठकर सूरज को डूबते हुए देख सकती हैं. अगर आपकी खाना बनाने में दिलचस्पी है तो आप और्गेनिक चीज-मेकिंग का शौर्ट कोर्स भी कर सकती हैं. जब शांति और अकेलेपन से मन भर जाए तो निकल पड़े ऊटी की सैर पर. यहां का नजदीकी एयरपोर्ट कोयम्बटूर है.