सवाल-
मैं 23 साल की विवाहित स्त्री हूं. मेरा 1 बेटा भी है. मेरा वजन पहले से ही कम था, पर इधर कुछ समय से यह घट कर सिर्फ 32 किलोग्राम रह गया है. परिवार के सभी बड़े-बूढ़े अकसर टोकते रहते हैं कि मुझे ठीक से खानापीना चाहिए और खुश रहना चाहिए, पर मैं उन्हें क्या बताऊं कि मैं ठीक से खातीपीती भी हूं और सदैव खुश रहने का जतन भी करती हूं, फिर भी शरीर सूखता जा रहा है. कहीं यह किसी अंदरूनी बीमारी का लक्षण तो नहीं है? कुछ ऐसे व्यावहारिक उपाय बताएं जिन से वजन बढ़ सके और मैं सुंदर तथा हृष्टपुष्ट दिखने लगूं?
जवाब-
यदि किसी व्यक्ति का वजन बिना प्रयत्न किए खुदबखुद घटने लगे और उस की जानकारी में उसे शरीर या मन का कोई रोग न हो, तो इसे यकीनन गंभीरता से लेना चाहिए. अच्छा होगा कि आप या तो अपने फैमिली डाक्टर या किसी इंटर्नल मैडिसिन के विशेषज्ञ डाक्टर से मिलें और अपनी विधिवत जांच कराएं. आंतों के कई प्रकार के रोग जिन में आंतों की पाचनशक्ति कमजोर पड़ जाती है और खाना आंतों से जज्ब होने के बजाय शरीर से व्यर्थ चला जाता है, उन के पनपने से यह परेशानी प्रकट हो सकती है. बिगड़ी हुई डायबिटीज में भी यह लक्षण आम देखा जा सकता है. शरीर में टीबी का रोग लग जाए तब भी व्यक्ति सूख कर कांटा हो जाता है. कुछ खास हारमोनल रोगों जैसे हाइपरथायरोडिज्म और ऐडिसन रोग में भी वजन घटता चला जा सकता है. किसीकिसी व्यक्ति में वजन घटने के पीछे कभीकभी कैंसर जैसा गंभीर रोग भी कारक होता है. कई लोगों में समूची समस्या मानसिक असंतोष, उदासी और अवसाद से जुड़ी होती है. कुछ में मसला शरीर के किसी बड़े अंग जैसे लिवर, किडनी या हार्ट फैल्योर से भी संबंधित हो सकता है. समस्या से उबरने के लिए सब से पहली जरूरत वजन घटने के पीछे उस के कारक को ढूंढ़ निकालने की है. जैसे ही डाक्टरी छानबीन से इस का कारण सामने आएगा, वैसे ही उस से उबरने के उपाय बताना आसान हो जाएगा.