सवाल-

मेरे पापा के घर में हमारी बूआ अपने बच्चों के साथ आ कर रहने लगी हैं. उन्होंने हमारे पापा को बहलाफुसला कर प्रौपर्टी के पेपर अपने नाम कर लिए हैं और हम दोनों भाईबहन को घर से निकाल दिया है. हम किराए के घर में रह रहे हैं. हम क्या करें जिस से घर हमें मिल जाए?

जवाब-

आप ने पूरी बात नहीं लिखी है कि पिता ने अपने ही बच्चों को घर से क्यों निकाल दिया. कोई कितना भी भड़काए पिता अपने बच्चों को घर से बेघर नहीं करता. आप ने अपनी मां का भी कोई जिक्र नहीं किया. क्या उन्होंने भी पिता को नहीं समझाया? आप अपने किसी सगेसंबंधी या पारिवारिक मित्र को मध्यस्थ बना कर पिता से बात कर सकते हैं. वे उन्हें समझा सकते हैं बशर्ते उस संबंधी या मित्र की बात को आप के पिता तवज्जो देते हों. यदि किसी भी तरह से बात न बने तो किसी वकील से संपर्क करें. यदि संपत्ति पुश्तैनी है, तो आप के पिता को आप का हिस्सा देना ही होगा.

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बस में बहुत भीड़ थी, दम घुटा जा रहा था. मैं ने खिड़की से बाहर मुंह निकाल कर 2-3 गहरीगहरी सांसें लीं. चंद लमहे धूप की तपिश बरदाश्त की, फिर सिर को अंदर कर लिया. छोटे बच्चे ने फिर ‘पानीपानी’ की रट लगा दी. थर्मस में पानी कब का खत्म हो चुका था और इस भीड़ से गुजर कर बाहर जा कर पानी लाना बहुत मुश्किल काम था. मैं ने उस को बहुत बहलाया, डराया, धमकाया, तंग आ कर उस के फूल से गाल पर चुटकी भी ली, मगर वह न माना.

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