सवाल- 

मेरे सहकर्मी को हार्ट फेल्योर की शिकायत रहती है. इस का क्या मतलब है? क्या हृदय वाकई काम करना बंद कर देता है?

जवाब-

हार्ट फेल्योर एक स्थिति है जिस में कमजोर हृदय खून की सामान्य मात्रा पंप करने में सक्षम नहीं होता. इस से वह पूरे शरीर में औक्सीजन और पोषक तत्त्व प्रभावी ढंग से नहीं पहुंचा पाता. हार्ट फेल्योर को बीमारी नहीं कहा जा सकता. यह एक क्रौनिक सिंड्रोम है, जो आमतौर पर धीरेधीरे विकसित होता है. इस से शरीर को सामान्य ढंग से काम करते रहने के लिए पोषण मिलना कम होता जाता है.

हार्ट फेल्योर की स्थिति अकसर इसलिए बनती है कि या तो आप की मैडिकल स्थिति ऐसी बन जाती है या फिर पहले से ऐसी होती है. इस में कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट अटैक या उच्च रक्तचाप शामिल है. इस से आप का हृदय क्षतिग्रस्त हो गया होता है या उस पर अतिरिक्त कार्यभार पड़ गया होता है. इसे भले ही हार्ट फेल्योर कहा जाता है पर इस का मतलब यह नहीं कि आप का हृदय काम करना बंद करने वाला है. इस का मतलब है कि आप के हृदय को आप के शरीर की जरूरतें पूरी करने में खासकर गतिविधियों के दौरान मुश्किल हो रही है.

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हार्ट अटैक एक बहुत ही गंभीर स्थिति होती है जिसमें हमारी जान जाने तक का खतरा भी होता है. इसमें हमारा रक्त प्रवाह ब्लॉक हो जाता है और हमारे ह्रदय की मसल्स डेमेज होने लगती हैं. जैसा कि हमने आज तक देखा या सुना है हम सोचते हैं कि हार्ट अटैक के लक्षण केवल छाती में दर्द होना या फिर जमीन पर गिरना ही होते हैं. परन्तु असल में जब आप को हार्ट अटैक आने की सम्भावना होती है तो यह लक्षण आप के आस पास भी नहीं फिरते हैं. हार्ट अटैक के कुछ लक्षण बहुत ही अजीब व हैरान पूर्वक भी हो सकते हैं जिनमें से एक लक्षण होता है उबासियां लेना. क्या आप चौंक गए? चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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