भारत में साइबर मौबिंग का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. देश में किशोरों और बच्चों को धमकाने, प्रताडि़त करने और ब्लैकमेल करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है. ऐसी ही कुछ घटनाएं हाल में हुई हैं. कानपुर के एक स्कूल में पढ़ने वाला विवेक साइबर बुलिंग का शिकार हो गया. कुछ बदमाश युवकों की दहशत से विवेक अब न तो कंप्यूटर पर काम करता है और न ही स्कूल के मैदान में खेलने जाता है. वह लगातार आसमान की तरफ देखता रहता है.
ऐसा ही कुछ सृजन के साथ भी हुआ. वह बनारस के एक पब्लिक स्कूल में पढ़ता है. उस के दोस्तों ने फोटोशौप पर उस की फोटो एडिट कर क्लास की एक लड़की के साथ जोड़ दी और सोशल नैटवर्किंग साइट पर अपलोड कर दी. तभी से सृजन और वह लड़की शर्म के मारे एक महीने तक स्कूल नहीं गए. पंजाब में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली 21 साल की एक छात्र अपने हौस्टल के कमरे में पंखे से लटकी मिली. उस का कंप्यूटर इंजीनियर बनने का सपना था. उस के कमरे में एक नोट मिला जिस में उस ने आरोप लगाया था कि कालेज के 2 पूर्व छात्र कथित तौर पर फेसबुक पर उस के बारे में आपत्तिजनक कमैंट कर उसे परेशान करते थे.
इसी तरह बेंगलुरू में आईएमए में पढ़ने वाली नीलम जो एक होनहार लड़की थी, ने भी आत्महत्या कर ली. नीलम का अपने बौयफ्रैंड से ब्रैकअप हुआ और सुबह जब वह उठी तो उस युवक ने कथित तौर पर फेसबुक पर लिखा था. ‘मैं सुपर कूल महसूस कर रहा हूं क्योंकि मैं ने अपनी ऐक्स गर्लफ्रैंड को छोड़ दिया है.’ इस के बाद नीलम ने आत्महत्या कर ली. इलाहाबाद के एक स्कूल में निशी को मामूली सी बात पर उस के दोस्तों ने अपने गु्रप से बाहर कर दिया क्योंकि उस की स्कूल गु्रप के एक लड़के से कहासुनी हो गई थी. उस का बदला लेने के लिए उस की कक्षा के बच्चों ने निशी को व्हाट्सऐप गु्रप से डिलीट और फेसबुक से अनफ्रैंड कर दिया. 16 साल की निशी ने इस से खुद को अपमानित महसूस किया.