पिछले दिनों कौफी कैफे डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ द्वारा आत्महत्या करना आज के व्यवसायों की पोल खोल रहा है. भारत में व्यापार करना और चलाना कितना कठिन है यह कौफी कैफे डे की अरबों की संपत्ति के मालिक की आत्महत्या से पता चलता है, जो अपने पीछे 2 बेटियों और पत्नी को बिलखता व नुकसान की भरपाई करने के लिए छोड़ गया. घर में कोई न छूटे इसलिए अब कई व्यापारी पूरे परिवार को आत्महत्या के लिए राजी कर लेते हैं. 16 अगस्त, 2019 को कर्नाटक के मैसूर के ओम प्रकाश ने नुकसान की वजह से खुद तो आत्महत्या की ही, उस के बाद उस के परिवार को कोई तंग न करे इसलिए पिता, पत्नी और बेटे को भी गोलियों से मार डाला.
ओम प्रकाश ने एक ऐनीमेशन फिल्म कंपनी शुरू की थी पर उस में नुकसान हुआ था तो उसे भरपाई करने का रास्ता नहीं मिल रहा था. उस का कहना था कि दुबई का कोई डौन उसे मारना चाहता है और कोई बड़ी बात नहीं कि दुबई से उस ने कोई ऐसा गलत काम किया, जिस में वहां के गिरोह से वास्ता पड़ा हो.
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बच्चों, पत्नी, मांबाप को ले कर मरने वाले घरों की गिनती आजकल बढ़ रही है, क्योंकि आज व्यापार चलाना हर रोज मुश्किल होता जा रहा है. आज बाजार का दबाव इतना है कि हरकोई मोटा पैसा 4 दिन में ही कमाना चाहता है जो स्वाभाविक नहीं है. व्यापार एक शीशम के पेड़ की तरह होता है जो धीरेधीरे बढ़ता है. यहां जंगली और पालतू जानवर ही इतने हैं कि वे पौध को भी खा जाने को तैयार हैं और जिस ने पौधा लगाया हो वह देखतेदेखते दिवालिया हो जाता है. जरा से संपन्न परिवार से आने वाला फिर से साधारण आदमी की तरह से जीना सीख ही नहीं पाता.