विवाह यदि कोई संस्कार नहीं है तो समझौता तो अवश्य है ही कि पतिपत्नी किसी और से संबंध नहीं रखेंगे. दिल्ली में एक डाक्टर पत्नी की आत्महत्या ने यह राज जगजाहिर कर दिया है कि वह कोई विपरीत लिंगी हो, जरूरी नहीं. समलिंगी भी हो सकता है. औल इंडिया मैडिकल इंस्टिट्यूट (एम्स) में कार्यरत एक पत्नी ने आत्महत्या कर ली क्योंकि उस के डाक्टर पति का संबंध दूसरे आदमियों से था और वह पत्नी की ओर ध्यान नहीं देता था. जब से समाज में समलैंगिकता की बात थोड़ी खुल कर होने लगी है, औरतों के लिए तो यह और भी ज्यादा चुनौती का मामला होने लगा है. कोई पत्नी अपने पति के पुरुष दोस्तों के साथ खुल कर हंसनेबोलने या इधरउधर जाने पर आपत्ति नहीं कर सकती. पति की महिला दोस्त पर तो वह हंगामा आसानी से खड़ा कर सकती है पर पार्टनर बने पुरुष दोस्त को चाहे कितना नापसंद करे, उस का हल्ला नहीं मचा सकती.
समलैंगिक संबंध बनाने में स्थान की भी दिक्कत नहीं है. अगर पति की महिला दोस्त हो और बात शारीरिक संबंधों तक पहुंच जाए तो हमेशा 2-4 घंटे के लिए सुकून की ऐसी जगह ढूंढ़ना कठिन होता है, जहां पैनी नजरों से बचा जा सके. समलैंगिक संबंधों में कोई चिंता की बात नहीं होती और खुलेआम होटलों में, एकदूसरे के घर पर या किसी मित्र के कमरे में आसानी से संबंध बन सकते हैं. समलैंगिक संबंधों में पुरुष को ब्लैकमेलिंग का डर भी नहीं रहता कि उस पर बलात्कार का आरोप लगेगा. पत्नियों के लिए यह भी एक कठिनाई है कि पति के दोस्त का चरित्र हनन नहीं कराया जा सकता. ऐसे में पत्नी के पास घुटने के अलावा कोई और रास्ता नहीं रह जाता.