आशा ने खुद को सम झाते व बेटे की इच्छा का सम्मान करते हुए संध्या को बहू के तौर पर स्वीकार तो कर लिया था लेकिन असमंजस की लकीरें फिर भी आशा को घेर रही थीं. फिर एक दिन अचानक...