लेखक- मीनू त्रिपाठी
‘‘सुनिए,मुझे टैडीबियर चाहिए, बिलकुल ऐसा...’’ मोबाइल पर एक फोटो दिखाते हुए अदिति ने एक बार फिर उम्मीदभरी नजर दुकानदार पर गड़ाई. मगर उस ने सरसरी नजर मोबाइल पर डालते हुए इनकार में सिर हिला दिया.
मायूस चेहरा लिए अदिति सौफ्ट टाएज की दुकान से बाहर निकली तो उस की कालेज की पुरानी सहेली देवांशी खीज कर बोली, ‘‘क्या हुआ है तुझे... मुझे सुबहसुबह फोन कर के बुला लिया कि जरूरी शौपिंग करनी है... 2 घंटे से कम से कम 6 दुकानों में टैडीबियर पूछ चुकी है... हम क्या टैडीबियर खरीदने आए है यहां?’’
देवांशी के खीजने पर अदिति ने मासूमियत से मुंह बनाते हुए हां कहा. तो देवांशी उसे हैरानी से देखती हुई बोली, ‘‘अच्छा दिखा मुझे कैसा टैडीबियर चाहिए तुझे,’’ कहते हुए उस के हाथ से मोबाइल छीन लिया. फिर ध्यान से वह फोटो देखा जिस में अदिति पिंक कलर की खूबसूरत ड्रैस में धु्रव और एक टैडीबियर के साथ दिखाई दे रही थी.
शादी से पहले खिंचाई इस तसवीर में टैडी को अदिति ने एक खास अंदाज में
पकड़ा था और अदिति को उसी पोज में धु्रव ने. यह फोटो सोशल साइट पर खूब वायरल हुआ था.
देवांशी जानती थी कि यह टैडीबियर अदिति का धु्रव को दिया पहला उपहार था और वह पिंक ड्रैस धु्रव का अदिति को दिया पहला उपहार. इस फोटो के साथ ही अदिति ने अपने सिंगल स्टेटस को इंगेज्ड में बदल दिया था. फोटो में दिखाई देने वाले टैडी जैसा एक और टैडीबियर खरीदने आई अदिति उस की समझ से परे थी.
देवांशी के चेहरे पर सवाल देख कर अदिति बोली, ‘‘उफ, बड़ी गलती हो गई... मुझे धु्रव से यह टैडी मांगना ही नहीं चाहिए था.’’