सोम काका ने तुरंत कार निकाली, छोटा सा हॉस्पिटल था, 'नवजीवन केंद्र ' नीरा रिसेप्शन पर भागती हुई ही गयी, फौरन समर सिंह का रूम पूछा, रिसेप्शनिस्ट ने तुरंत डॉक्टर को बुलाया, करीब चालीस साल का डॉक्टर मुख़र्जी, चालाक सा चेहरा, चौकन्ना सा आदमी, आकर नीरा से बात करने के बजाय गीताली को बुलाने चला गया, गीताली ने आकर कहा,” अरे, दीदी, आपको मुझ पर भरोसा नहीं? समू साहब को अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी, यहाँ मुझे सब जानते हैं, इसलिए मैं उन्हें यहीं ले आयी, फिलहाल सो रहे हैं.”
डॉक्टर ने भी नीरा से कहा, “ उनका ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ गया था, उन्हें रेस्ट की बहुत जरुरत है, आप अब उनसे सुबह आकर मिल लें, गीताली यहां ही है, वह उनका पूरा ध्यान रख रही है, वैसे भी गीताली ने बताया कि आप काफी बिजी हैं.”
नीरा ने गुस्से में पूछा,” मैं अपने पापा को देख तो सकती हूं न?”
“ओह्ह. श्योर,” कहकर डॉक्टर गीताली को कुछ इशारा करके चला गया, नीरा ने पूछा, “तुमने मुझे उसी टाइम फ़ोन क्यों नहीं किया?”
गीताली चुप रही.
नीरा ने आई सी यू में दूर से पिता को झाँका, उसकी आँखों से आंसू बह निकले, करण ने उसके कंधे पर हाथ रखकर तसल्ली दी, थोड़ी देर में नीरा और करण सोम काका के साथ घर लौट आये. नीरा बहुत परेशान थी, घर के बाकी लोग भी परेशान से आकर समर सिंह की तबियत के बारे में पूछने लगे. करण ने कहा,” नीरा, तुम अब आराम करो, हम सुबह ही फिर हॉस्पिटल चलेंगें.”
करण ने फिर अपने रूम की खिड़की से काफी देर बाद झाँक लिया, उसे बहुत दूर से नीरा के बेड रूम की लाइट जलती दिखी, वह समझ गया कि नीरा परेशान है, सो नहीं पा रही है. करण जैसे ही सोने लेटा, बैंगलोर से कपिल का फोन आ गया, यार, एक बड़ा सुराग हाथ लगा है, यहाँ कनकपुरम में जो इस ढोंगी सुखदेव का आश्रम है, आनंद भवन, वहां आयुर्वेदिक स्पा भी होता है, मेरे दोस्त की वाइफ को इस आश्रम में स्पा के लिए जाने का चस्का है, कल मैं इनके घर था, मैंने यूँ ही इन्हे चंद्रन और इरा की फोटो दिखा कर पूछा कि इन्हे आश्रम में कभी देखा है, तो मैडम ने बताया कि उसने आश्रम में बने मून गेट के अंदर इरा को देखा था, ये मैडम आश्रम में काफी सालों से जाती हैं, इन्होने बहुत कुछ बताया, इस मून गेट को पार करके अंदर जाना मना है, मून गेट के अंदर बहुत ही ख़ास लोग आते जाते हैं. इरा सुंदर, लम्बी सी स्टाइलिश लड़की है, इसलिए उसकी शकल मेरे दोस्त की पत्नी को याद थी. गौतम सर ने कहा है कि तुम दोनों अब फौरन यहाँ पहुंचो और अब आश्रम की खोजबीन करनी है, ऐसा लग रहा है, बहुत से राज खुलेंगें. फौरन यहाँ वापस आ जाओ, नीरा को भी साथ लाना,