निधि के पास मोबाइल तो था नहीं इसलिए निधि की अविरल से बात तभी हो पाती थी जब वह रेनु के घर जाती थी. पर ये भी हमेशा मुमकिन नहीं था.
वहीं दूसरी तरफ अविरल को अपनी पॉकेट मनी के लिए जितने भी पैसे अपने पापा से मिलते थे , वह सारा पैसा फोन पर ही खर्च कर देता था. वह घंटों रेनु से बातें करता जिससे किसी तरह वह निधि के बारे में बात कर पाये लेकिन रेनु हमेशा ही निधि की बात करने से बचने लगी. लेकिन अविरल के पास और कोई भी जरिया नहीं था निधि के बारे में पता करने का, तो वह न चाहते हुए भी रेनु से बात करता रहा.
1 दिन अविरल अपनी मौसी के घर आया हुआ था तब उसने दीप्ति को बात करते हुए सुना कि निधि की बर्थ-डे आ रही है और उसके मामा ने जन्मदिन के पहले ही गिफ्ट में मोबाइल फोन दिया है. अविरल अपनी किस्मत को कोस रहा था कि अभी तक उसने निधि को अपना नंबर तक नहीं बताया और रेनु निधि का नंबर देगी नहीं.
अविरल से रहा नहीं गया . उसने एक दिन रेनु को फोन करके बोला , “रेनु निधि की बर्थडे है और मुझे उसे विश करना है”. पहले तो रेनु ने नंबर देने से मना कर दिया और बोली कि निधि ने नंबर देने से मना किया है.
अविरल ने बोला कि,” मुझे केवल 1 बार विश करना है. नंबर तो मैं निकाल ही लूँगा भाभी के मोबाइल से लेकिन फिर मेरा तुम्हारा साथ खत्म. उसके बाद रेनु ने उसे नंबर दे दिया और कॉल करने का समय बताते हुए बोला “1 बार ही कॉल करना”.