अविरल ने बिना किसी को कुछ बताए बैग उठाया और हरिद्वार पहुँच गया. जब निधि डॉक्टर के पास जाने को हुई तो अविरल ने फोन करके डॉक्टर का एड्रैस मांगा और खुद भी थोड़ी देर बाद वहाँ पहुँच गया. सभी लोग उसे देखकर आश्चर्यचकित रह गए. निधि कि हालत देखकर अविरल का मन कचोट गया. निधि ठीक से सांस तक नहीं ले पा रही थी. अविरल ने डॉक्टर से बात की तो डॉक्टर ने फिर डेंगू के चेक अप को मना कर दिया. अविरल का मन नहीं माना और निधि की मम्मी के मना करने के बावजूद अविरल निधि का टेस्ट कराने चला गया. ब्लड का sample देने के बाद निधि अपने घर चली गयी और अविरल लैब के बाहर ही रिपोर्ट का इंतज़ार करने लगा. 5 घंटे बाद रिपोर्ट आई जिसमे निधि को एडवांस लेवेल पे डेंगू हुआ था और उसकी कंडिशन serious थी. अविरल ने तुरंत अच्छा डॉक्टर पता किया और निधि को हॉस्पिटल में एड्मिट करा दिया.
डॉक्टर ने कहा ,” अब 1 दिन की भी देरी बहुत हो सकती थी ”. निधि के लीवर और फेफड़ों में पानी भर चुका था. निधि अब अपने होश में नहीं थी. अविरल रात दिन निधि के साथ रहता, उसे कहानियाँ पढ़कर सुनाता, पूरी रात जागकर उसकी देखभाल करता हालांकि निधि की मम्मी भी साथ में अस्पताल में थी. पर अविरल को हर पल लगता कि अगर वो सो गयी और निधि को कुछ जरूरत हुई तो...
अविरल के ऑफिस से फोन आया और बॉस ने बोला या तो कल से जॉइन करो या तो जॉब छोड़ दो. अविरल ने जॉइन करने से मना कर दिया और उसकी जॉब चली गई. लेकिन उसने किसी को इस बात का पता नहीं चलने दिया.