“जय, मैं तुम्हारे लिए और 50 हजार रुपए कहां से लाऊं?” रिया ने कहा, “मैं पहले ही पापा से 30 हजार रुपए ले कर तुम्हें दे चुकी हूं. तुम जानते हो कि मैं ने अभीअभी अपने कालेज का फाइनल एग्जाम दिया है. कोई नौकरी नहीं करती.”
रिया ने अपनी मां को अंदर आते सुना और जल्दी से फोन नीचे रख दिया. “मम्मी आ रही हैं, बाय जय. मैं तुम से बाद में बात करूंगी.”
“रिया बेटे, जल्दी से तैयार हो जाओ. एक घंटे में एक लड़का और उस का परिवार तुम्हें देखने आ रहे है.”
“मम्मी, मैं ने आप से कहा है, मैं अभी शादी नहीं करना चाहती. मैं नौकरी करना चाहती हूं.”
“उन्हें तुम्हारे काम करने में कोई समस्या नहीं है. लड़का खुद इतनी कम उम्र में एक बड़ी फर्म में मैनेजिंग डायरैक्टर है. तुम्हारी रीना दीदी मुंबई में सैटल हैं और एक बच्चा होने के बाद भी काम कर रही हैं. दीदी की ससुराल वालों को भी उन के काम करने में कोई दिक्कत नहीं है. तुम्हारे पापा अगले साल रिटायर होंगे. वे तुम्हें उस से पहले सैटल देखना चाहते हैं.”
“मम्मी प्लीज…”
“अब जाओ और जल्दी से तैयार हो जाओ. ऐसा लड़का दोबारा नहीं मिलेगा. तुम्हारे पापा ने उन के बारे में पता किया है. बहुत ही अच्छा परिवार है. लड़के का सिर्फ एक बड़ा भाई है जो शादीशुदा है और विदेश में रहता है. उन की कोई मांग नहीं है. वे सिर्फ एक अच्छी लड़की चाहते है.”
“रिया बेटे, यह मोहित है.”
एक बहुत ही हैंडसम लड़का अपने मातापिता के साथ बैठा था. मातापिता भी बहुत सुशील लग रहे थे. यह एक ऐसा मैच था जिसे कोई भी लड़की तुरंत ‘हां’ कह देती लेकिन रिया के दिल में जय के अलावा और किसी के लिए जगह नहीं थी.