जो शख्सीयत लहू बन कर नलिन की रगों में बरसों से दौड़ रही थी उस के साथ उस की कौम ने जो किया यह जानने के बाद भी वह उस के सिर पर तसल्ली भरा हाथ रखने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा सका?