वैलफेयर सोसायटी के आदर्श नागरिक बनने के चक्कर में शशिकांतजी की जो किरकिरी हुई वह तो उन का ही दिल जानता था और इसी कारण उन्होंने जिंदगी का पहला झूठ बोला था.