फिल्मों के चयन में बेहद सावधानी बरतने और एक-एक बारीकी पर ध्यान देने के कारण सुपरस्टार आमिर खान को ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ कहकर पुकारा जाता है लेकिन खुद आमिर का मानना है कि यह उनके लिए सही नाम नहीं है. उनका कहना है कि उन्हें दरअसल ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ के बजाय ‘मिस्टर पैशनेट’ कहकर पुकारा जाना चाहिए.

आमिर कहते हैं कि वह कभी भी ‘परफेक्शनिस्ट’ कहे जाने का बोझ महसूस नहीं करते क्योंकि वे इस तमगे में यकीन ही नहीं रखते.

आमिर ने कहा कि मेरे हिसाब से परफेक्शन कुछ होता ही नहीं है. रचनात्मक क्षेत्र में तो बिल्कुल नहीं. यहां बहुत से अलग-अलग मत होते हैं, ऐसे में कोई भी एक विचार एकदम सटीक कैसे हो सकता है?

आमिर ने कहा कि किसी एक शॉट में उनके लिए ‘परफेक्शन’ का मतलब तकनीकी रूप से त्रुटिहीन होना नहीं है बल्कि उनके लिए यहां परफेक्शन का मतलब उस दृश्य की जान को फिल्म में लाना है.

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