इनकम टैक्स रिटर्न के सातों फौर्म आयकर विभाग की ओर से उपलब्ध करवाए जा चुके हैं. ऐसे में करदाताओं की ओर से इसे फाइल करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. देश के अधिकांश करदाता अपना इनकम टैक्स रिटर्न 31 जुलाई से पहले-पहले फाइल कर देते हैं. काफी सारे लोग ऐसे भी होते हैं जो आखिरी समय में हड़बड़ाहट में आकर अपना रिटर्न दाखिल करते हैं.
ऐसे में आईटीआर में कुछ गलतियों की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. अगर आपने भी अपने आईटीआर में कुछ गलतियां कर दी हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं हैं. आप अपने रिटर्न को रिवाइज्ड भी कर सकते हैं. हम अपनी इस खबर में आपको रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न के बारे में जानकारी दे रहे हैं. गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है.
क्यों भरा जाता है रिवाइज्ड आईटीआर?
रिवाइज्ड आईटीआर उस सूरत में भरा जाता है जब आपके आईटीआर में कुछ गलतियां रह गई हों. यानी अगर आपने आईटीआर के दौरान कुछ गलतियां कर दी हैं तो आप उन्हें इसके जरिए सुधार सकते हैं. रिवाइज्ड रिटर्न आयकर की धारा 139 (5) के तहत भरा जाता है.
रिवाइज्ड आईटीआर के लिए क्या जरूरी?
- डेट औफ फाइलिंग औफ ओरिजनल रिटर्न
- एकनौलेजमेंट औफ फाइलिंग ओरिजनल रिटर्न
आपको बता दें कि रिवाइज्ड रिटर्न की प्रोविजन नौर्मल रिटर्न फाइलिंग की ही तरह होंगे.
रिवाइज्ड रिटर्न के बाद क्या होता है?
बता दें कि आप अपने रिटर्न को कितनी भी बार चाहें रिवाइज्ड कर सकते हैं. रिवाइज्ड रिटर्न के बाद ओरिजनल रिटर्न की वैल्यू खत्म हो जाती है. यानी अगर आपने अपने पहले रिटर्न में 10 लाख की टैक्स देनदारी दर्ज कराई है और रिवाइज्ड में 8 लाख की तो 8 लाख वाला रिटर्न ही मान्य होगा.