नवम्बर का महीना आते ही ऊन और सलाइयां हाथों में दिखाई देने लगते हैं. कल्पना में तरहतरह के स्वैटरों के डिजाइन आते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में हम अपनी कल्पना के डिजाइन को मूर्त रूप नहीं दे पाते. आइए, हम आप की इस समस्या का हल करते हैं. बुनाई बहुत अच्छी थेरैपी है, जो चिंता को दूर कर एकाग्रता लाती है. बुनाई की इतनी विविधताएं हैं कि सही ज्ञान के अभाव में हम वही डिजाइन थोड़ा बहुत इधरउधर कर बना देते हैं. जैसे ड्रैस में डिजाइन का कोई अंत नहीं उसी तरह स्वैटर भी तरह तरह के डिजाइन के बनाए जा सकते हैं. यहां हम आप के लिए ले आए हैं कुछ उपयोगी जानकारी जिस पर अमल कर के आप बुनाई कला में पारंगत हो जाएंगी. हाथ के बने स्वैटर बुटीक में महंगे मिलते हैं. इसलिए क्यों न थोड़ी सी मेहनत कर के कम खर्च में घर पर ही स्वैटर बनाएं.
1. हमेशा वर्धमान, ओस्वाल आदि किसी अच्छी कंपनी का ऊन इस्तेमाल करें. बच्चों के लिए बेबी वूल लें ताकि स्वैटर नरम बनें. सस्ते के चक्कर में न पड़ें वरना मेहनत व्यर्थ हो जाएगी. ऊन हमेशा स्वैटर से ज्यादा लें. एक व्यक्ति के हाथों से बुनाई हो तो अच्छा रहता है. कई हाथों में जाने से कसावट में फर्क आ जाने से स्वैटर की सुंदरता बिगड़ जाती है.
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2. डिजाइन के अलावा आप केबल, साबूदाना पैटर्न, जिगजैग डिजाइन डाल कर स्वैटर को सुंदर बना सकती हैं. 5-6 तरह के स्वैटर खुद आसानी से बना सकती हैं. बस, थोडे़ ध्यान और जानकारी की जरूरत है. स्वैटर पर अगर मोती, स्टोंस और नग लगा कर बनाएं तो स्वैटर बाजार के स्वैटर जैसा लुक देगा. आप इस स्वैटर को किसी भी पार्टी में पहन कर जा सकती हैं.